Tuesday, March 12, 2024

अफहुर है, मोहोब्बत करना चाहता हैं

अधूरा है खुद मे हर इंसान पूरा होना चाहता है
दुश्वारियां हो तो भी मोहब्बत करना चाहता है


नज़दीक से बेनूर शय पाया माहताब को
बानूर हो जाऊं में भी भा जाऊं जो आफताब को

खुशगवार है तेरे दर के रास्ते मगर मेरे गाँव से होक नही जाता
तमनाये लाख हो मगर कैसे आये तेरा न्योता नही आता

गुनाह किये थे लाज़मी सज़ा तो पानी थी
काश थोड़ा हौसला, कर्म दिया होता निभाने को

चाँद से कह दो कहीं और जा के दस्तक दे
मेरे घर में पहले से ही एक आफताब रहता है

जहां धूप है वहीं टीन ताने बैठे हैं
वो झरोकों को ही सूरज मने बैठे हैं

परेशान हूं सोने का सलीका नही आता
फैला दो अपनी बाहें थोड़ा तो आराम आए

Wednesday, December 27, 2023

December wibes

बदलते मौसम से तबियत नासाज है
जो कल साथ थे हमारे वही नाराज़ है

आज इसका भी काम तमाम हो गया
जीने का रास्ता आसान हो गया

कौन भला खुद को भला बुरा कहता है
जिसे देखो खुदको खुदा कहता है

Tuesday, October 31, 2023

करवाचौथ

हार श्रंगार, बरत नेम, नाच गान कैसे तुझे रिझाऊं जी
करु लाख जतन पर बिन नाम रटे कैसे पी को पाऊं जी
भटकूं भीर में पीर में भूलूं लोक की सब बात जी
भटकूं मैं लोग लोक बावरी क्या रोज ढूँढन जाऊं जी
प्रीत मिले तो संताप मिटे हैं बस ये जानू मैं भोरी रे
आस लगाए अरदास निगोरी बस पी संग मिल जाऊं जी

Tuesday, February 14, 2023

Naya padav

Socha tha samajh badhegi ubharti lakiro me
Ghati nahi Nadaniya lekin badti umra me

Bhatakti leheren kinara dhoondne aati hai pas mere
Aur nakam bhatakta hoon Noor ki talash me

Samandar hoon ye bharam pale baitha hai zamana
lekin Mera vajood Chand ka aks jaise pani me
Gunah ki ijazat hai to inttiha ki jaye
Jisse mohobbat ki use bhula ke kisi aur se ki jaye

Raste chalte to le jaate hamen manjilon ki taraf yahan to humne hi chalkar manjilen naapi hain
 Phir se ek baar loot Jane ki chhahat ki hai
Haar ke ek baar phir Dil lagane ki himakat ki hai
Main to mutmayeen hoon tere khayal ki mehek se
Tujhe kab maine jism banane ki himakat ki hai

किसी और का किस जनम का किया निभा रहा हूं
उसका जन्म बेहेतर हो, ऐसे कर्म जिंदगी किए जा रहा हूं 


Wednesday, December 28, 2022

new

मैं  ढूढने चला हूँ मोहोबत ऐसी डागर पर जहाँ दुनिया रहती है
दौलत ढूंढने निकल हूँ जहाँ मुफलिसी रहती है
Kyon dhundhne Chala Hai Humsafar Yahan Sab apni Rahon Mein mast Hain 
takra bhi Jaaye Rahe to Koi Rahi bhi Apna Nahin 
Bhul bhi chuke Honge ab tak to vo Mera Naam 
per kisi kitab mein abhi bhi tumhare namm se mehekta hai koi gulab

Main motiya. Sanjo kar khazane bharta raha
Rat biti to maloom hua ki pani sameta raha
So jaata agar kuch na khoj Raha hota
Nind aajati agar ye maloom hota ki kya khoj Raha hoon
Samajhte te the Ishq jise vo to gam tha
Ab vo yaad to aata hai magar dard nahi deta hai

Wednesday, November 2, 2022

just free time

तुम एक ख्वाब हो फिर भी भूल पाता नही
मश्कत से पूजा से ध्यान से भूलने को आंख बंद करता हूँ और तुम सामने आजाती हो

थोड़ी सी बेरुखी नाराज़गी मोहोबत का रिवाज है
लेकिन रिवाज़ ही बेरुखी ही हो तो क्या वो मोहोबत है

Thursday, January 20, 2022

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वो  चाँद है किसी और आसमा का मेरे घर को दमकाये ये मुनासिब तो नही
जैसे याद करता हूँ वो भी मुझे चाहे उम्मीद ये मुनासिब तो नही
किसी के घर की दरारे क्यो मेरी आराइशे बने
किसी का गम-ऐ-फिराक मेरा विसाल बने ये मुनासिब तो नही

भीतर ना सही मगर फ़िज़ा तो इश्क़ से सराबोर है
हवाओं को करने तो दो बाते दिल में उतर जाएगा इश्क़