जार थोड़ा सा भी मुझ में मै रहा तो तू नही रहेगा
Sunday, November 14, 2021
Thursday, October 14, 2021
kismat
चल आज सितारों को फिर से लिखते हैं
तेरी किस्मत में मैं मेरी किस्मत में तुझ को लोखते हैं
Chand gaya eid gai, ab tak to tumne jhuke voomke , bindi tika utar diya hoga mekup wakeup sab khwab bhi aab jagane lage honge tumko.
Aur ek hum hain ki suraj chamak raha hai aur sone nahi deti tumhari uthati gulabi palken, hawaon se bikhakarti phir sambhalti zulfen, bhini si muskan. Aur vo chor muskurati nazren jo shyad laten sameti ungliyon ke jharokon se mujhko hi shyad mujhko hi dekhne ki chahat rakhti thi.
Saturday, July 31, 2021
Geet
गुस्ताख़ दिल बुनता है क्यों दुश्वारियां
क्यों दिखाए वो रास्ते जो लाये फासले
क्यों फ़िर चले हुम् उन राहों पे
जो कभी ना मिले
क्यों नही सुनता तू वो सदा
आती जो आसमानो से
मुश्किल ही सही पर दिखाए वो रास्ते
जो मंज़िल को जा मिले
क्यों फ़िर चले हुम् उन राहों पे
जो कभी ना मिले
इश्क़ तो नसीब है तिजारत तो नही
छीनने से मिले बस नफ़रतें
चाहते ना मिले
क्यों फ़िर चले हुम् उन राहों पे
जो कभी ना मिले
Monday, July 5, 2021
नशे में
छोड़ दे ए दिल उन राहों को जिन पे कभी जाना नही
रहें जो दिलकश है पुकार उनसे मगर कभी आना नही।
मेरी तलाश में भटकता होगा वी तो दर-ब-दर
वो सितारा है किसी और चांद का
ईद मेरे घर में मनना कभी उसे आना नही
Sunday, March 28, 2021
inspired
जलने दो चराग़ों को की रात अभी बाकी है
हौसले बुलंद रखना की जंग अभी बाकी है
जब भी आये याद नगमा-ऐ मोहोब्बत गुनहुना लेना
क्या पता कब मुसाफिरखाना आशियाना बन जाये
तुझसे इश्क़ करने का सिला पा रहा हूँ
हर रोज़ ज़र्रा ज़र्रा देवता हुआ जा रहा हूँ
सियासत नज़ारे हुस्न रुस्वाइयां क्या नही है यहां
पर तेरे सिवा कुछ और कह नही पा रहा हूँ
मेरा तू होना तो तय है, ये रोक नही पाऊँगा
आज इस सूखे गुलिस्तां को सब्ज़ देख नही पा रहा हूँ
तू कोई सोच होता हसरतों से बदल दिया होता
एहसास होता तो मशगुलियात मैं छोड़ दिया होता
तू तो सांस है कैसा था मेरा वजूद तेरे बगैर
तुझको छोड़ा होता तो जीना छोड़ दिया होता
में तुझे भुलाना भी चाहता हूँ और तुझे याद आने भी चाहता हूँ
मगर क्या करे इश्क़ मेरे ज़ेहन से उतरता नही और तेरे चढ़ता नही
Monday, January 11, 2021
something
Ye labade ye baten ye makeup
Ye kamiyan dhakne ke vaalee hain
Varna khoobiya, sundarta adayen kisi paykar ke mohotaj nahi hai
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