Thursday, January 23, 2020

खो गया

मैकदा था मैं गया खो गया।
माये गयी सुरूर बाकी रह गया।।
Leheza batata hai insan ki shaqsiyat
Dil chote ho to lafz talkh ho hi jate hain

Tuesday, January 21, 2020

sambhala haj

जहालत को जहानत से संभाला है।
टूटते रिश्तों को खुद टूट के संभाला है।।

फलक से ज़मी हर ओर पसरा था अंधेरा
हमने खुद नूर होके ये सूरज संभाला है।

महफूज़ हैं मचलती सांस दहकती रात के किस्से
रूबरू हुए तो नज़रो ने पैगाम देने से संभाल है।